अशोक और सविता, अशोक के माता-पिता के फार्महाउस की यात्रा से लौट रहे होते हैं, जब पटेल दंपति की कार अचानक रास्ते में बंद हो जाती है। यह एक दूर-दराज़ का गाँव है, जहाँ नेटवर्क नहीं, न कोई बड़ा सर्विस सेंटर।
मदद की उम्मीद मात्र एक पुरानी ऑटो डीलरशिप से है। वहाँ के मैकेनिक द्वारा जांच के बाद स्पष्ट होता है — इंजन पूरी तरह खराब हो चुका है, और कार अब चलने लायक नहीं रही।
🚘 सपनों की कार, लेकिन सीमित बजट
डीलर उन्हें एक शानदार कार दिखाता है — बिलकुल वैसी, जैसी अशोक हमेशा खरीदना चाहता था। लेकिन… बजट आड़े आ जाता है।
अशोक निराश होने लगता है, तभी सविता पूरे आत्मविश्वास के साथ सामने आती है।
💡 सविता की समझदारी और बातचीत का जादू
सविता:
- डीलर से शालीनता से बात करती हैं
- पुरानी कार का सही मूल्यांकन करवा कर एक्सचेंज ऑफर पर बातचीत करती हैं
- साथ ही लोकल बैंक से ऑन-स्पॉट कम ब्याज दर वाली योजना की जानकारी निकालती हैं
- और अंत में, डीलर को इस बात के लिए राज़ी कर लेती हैं कि वो उन्हें एक विशेष डिस्काउंट दे
💬 “सौदा हमेशा दिमाग से होता है, दिल से नहीं।”
– सविता
🏁 परिणाम
अशोक हैरान भी है और गर्व से भर भी गया है। वह देखता है कि उसकी पत्नी केवल सुंदर नहीं, बेहद व्यवहारिक और तेज दिमाग वाली भी है।
वे अपनी नई कार में लौटते हैं — एक नहीं, दो उपलब्धियों के साथ:
- सपना पूरा हुआ
- सीमित बजट में बेहतरीन सौदा
📌 इस कहानी से क्या सीखें:
- महिलाओं को कम न आँकिए — वे हर स्थिति में निर्णय ले सकती हैं
- समस्या कोई भी हो, ठंडे दिमाग और सही बातचीत से हल निकाला जा सकता है
- “ग्लैमर और गरिमा” दोनों को एक साथ निभाना कोई सविता से सीखे!