सोनम, एक खूबसूरत, समझदार और भावुक महिला, पिछले तीन महीने से अकेली है। उसका पति राहुल, नौकरी के सिलसिले में शहर से दूर है। दोनों के बीच बात होती है, प्यार भी है… लेकिन साथ नहीं। अकेलेपन की एक उम्र होती है – और सोनम उस लम्हे को पार कर चुकी है।
राहुल उसकी ख़ुशी के लिए एक सरप्राइज़ भेजता है – एक फूलों का गुलदस्ता, जो अमन नाम का एक युवक डिलीवर करने आता है। अमन का मुस्कुराता चेहरा और उसकी संवेदनशील बातें सोनम को चौंकाती हैं – कितने समय बाद किसी ने उसकी आँखों में आँखें डालकर बात की थी?
🌺 सिर्फ फूल नहीं थे, वो एहसास थे…
सोनम जब गुलाबों की खुशबू में लिपटा वो कार्ड पढ़ती है, तो उसे एहसास होता है कि जिस प्यार की तलाश वो राहुल से दूर महसूस कर रही थी, उसका एक छोटा अंश इन फूलों में भी था – ध्यान, कोमलता, और सुनने की क्षमता।
अमन सिर्फ एक डिलीवरी बॉय नहीं था। वो एक अच्छा श्रोता था, जो सोनम की बातों को बिना टोके सुनता है। उस शाम, वो सिर्फ चाय पीने नहीं आया था… वो सोनम की चुप्पियों में छिपे दर्द को सुनने आया था।
💭 एक मुलाक़ात, जो सब कुछ नहीं लेकिन बहुत कुछ बदल गई
सोनम को पता है कि ये कुछ भी गलत नहीं था… लेकिन बहुत कुछ अलावा था।
वो जानती है कि उसे अब भी राहुल से प्यार है, लेकिन साथ ही अब वो ये भी जान गई है कि…
👉 कभी-कभी, एक अजनबी से मिली संवेदना भी वो भर देती है जो अपनों की बातों में खो जाती है।
🎯 क्यों पढ़ें ये एपिसोड?
- एक भावुक महिला की कहानी जो अकेलेपन से बाहर आती है।
- इमोशनल केमिस्ट्री – बिना किसी सीमा लांघे।
- फूलों, भावनाओं और आत्म-स्वीकृति की कोमलता से भरी कथा।
- और एक अजनबी की बातों में छुपा नया जीवन-दृष्टिकोण।